Social Media Ban India :- अब भारत में भी बैन होगा बच्चों के लिए सोशल मीडिया ? जानिए IT सचिव का प्लान।

By: A S

On: Wednesday, January 8, 2025 9:42 AM

Social Media Ban India :- अब भारत में भी बैन होगा बच्चों के लिए सोशल मीडिया ? जानिए IT सचिव का प्लान।
Google News
Follow Us

Social Media Ban India :- अब भारत में भी बैन होगा बच्चों के लिए सोशल मीडिया ? जानिए IT सचिव का प्लान।

 

डिजिटल युग में व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा एक महत्वपूर्ण विषय बन गया है। इसे ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने हाल ही में डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन अधिनियम, 2023 के मसौदा नियमों को जारी किया है। ये नियम बच्चों और दिव्यांग व्यक्तियों के व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा पर विशेष ध्यान केंद्रित करते हैं। इसके तहत 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को सोशल मीडिया पर अकाउंट खोलने के लिए अपने माता-पिता या कानूनी संरक्षक की सहमति अनिवार्य रूप से लेनी होगी। आइए इस अधिनियम और उसके प्रभावों को विस्तार से समझते हैं।

 

Honda Elevate Dark Edition :- होंडा आज लॉन्च करेगा अपनी Elevate का नया Edition, जानिए नए फीचर्स और कीमत।

बच्चों के लिए सोशल मीडिया पर नए नियम

डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन अधिनियम के तहत, बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह प्रावधान किया गया है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अकाउंट खोलने के लिए माता-पिता की सहमति आवश्यक होगी। डेटा फिड्यूशरीज़, जो उपयोगकर्ताओं के व्यक्तिगत डेटा को संभालते हैं, को बच्चों का डेटा संसाधित करने से पहले उनके माता-पिता की अनुमति लेनी होगी।

 

 

 

इस सहमति की पुष्टि के लिए डेटा फिड्यूशरीज़ को सरकारी पहचान पत्र या डिजिटल पहचान टोकन (जैसे डिजिटल लॉकर से जुड़े टोकन) का उपयोग करना होगा। यह कदम बच्चों की प्राइवेसी को सुरक्षित रखने और उनके डेटा के दुरुपयोग को रोकने के उद्देश्य से उठाया गया है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने जनता को इस मसौदा नियम पर सुझाव और आपत्तियां देने के लिए 18 फरवरी 2025 तक का समय दिया है। ये सुझाव नागरिक सहभागिता मंच MyGov.in के माध्यम से दिए जा सकते हैं। सरकार इस प्रक्रिया के बाद मसौदा नियमों को अंतिम रूप देकर उन्हें अधिसूचित करेगी।

डेटा उल्लंघन पर भारी जुर्माना

मसौदा नियमों के अनुसार, डेटा उल्लंघन की स्थिति में 250 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। यह प्रावधान सुनिश्चित करेगा कि डेटा फिड्यूशरीज़ व्यक्तिगत डेटा को सुरक्षित रखने के लिए पूरी जिम्मेदारी निभाएं। इसके अतिरिक्त, उपभोक्ताओं को यह अधिकार दिया गया है कि वे यह जान सकें कि उनका डेटा क्यों और कैसे एकत्र किया जा रहा है।

उपभोक्ताओं के अधिकार

डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन अधिनियम उपयोगकर्ताओं के अधिकारों को सशक्त बनाने पर भी जोर देता है। इसके तहत उपयोगकर्ताओं को निम्नलिखित अधिकार दिए गए हैं:

डेटा हटाने का अधिकार: उपयोगकर्ता यह अनुरोध कर सकते हैं कि उनकी जानकारी को पूरी तरह से हटा दिया जाए।

डेटा उपयोग पर स्पष्टीकरण मांगने का अधिकार: उपयोगकर्ता यह जान सकते हैं कि उनका डेटा किस उद्देश्य से उपयोग किया जा रहा है।

पारदर्शिता का अधिकार: डेटा फिड्यूशरीज़ को उपयोगकर्ताओं को डेटा संग्रह प्रक्रिया के बारे में स्पष्ट जानकारी प्रदान करनी होगी।

शैक्षणिक संस्थानों और बाल कल्याण संगठनों को इन नियमों के कुछ प्रावधानों से छूट दी गई है। यह सुनिश्चित करता है कि इन संगठनों के लिए बच्चों के साथ काम करना और उनके हितों की रक्षा करना आसान हो।

डिजिटल बिचौलियों के लिए दिशा-निर्देश

मसौदा नियमों में डिजिटल बिचौलियों, जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म, ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स, के लिए विशेष दिशा-निर्देश निर्धारित किए गए हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को ऐसे मध्यस्थों के रूप में परिभाषित किया गया है, जो उपयोगकर्ताओं के बीच ऑनलाइन बातचीत की सुविधा प्रदान करते हैं। इनमें सूचना का आदान-प्रदान, प्रसार और संशोधन शामिल है।

डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड की स्थापना

इन नियमों को लागू करने और उनके पालन को सुनिश्चित करने के लिए सरकार एक डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड स्थापित करेगी। यह बोर्ड पूरी तरह से डिजिटल नियामक निकाय के रूप में कार्य करेगा। इसके कार्यों में उल्लंघनों की जांच करना, दंड लागू करना और सहमति प्रबंधकों को पंजीकृत करना शामिल होगा। सहमति प्रबंधकों को इस बोर्ड के साथ पंजीकरण करना अनिवार्य होगा।

डिजिटल युग में नई चुनौतियां

आज के डिजिटल युग में बच्चों और अन्य संवेदनशील समूहों के डेटा की सुरक्षा एक बड़ी चुनौती है। सोशल मीडिया, ऑनलाइन गेमिंग, और ई-कॉमर्स जैसी गतिविधियों में भाग लेने वाले उपयोगकर्ताओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि उनका डेटा सुरक्षित और गोपनीय रहे।

डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन अधिनियम, 2023 का उद्देश्य बच्चों, दिव्यांग व्यक्तियों, और अन्य उपयोगकर्ताओं के डेटा की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। यह अधिनियम उपयोगकर्ताओं को उनके डेटा पर नियंत्रण प्रदान करता है और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को अधिक जवाबदेह बनाता है। सार्वजनिक सुझावों के माध्यम से इसे और प्रभावी बनाया जा सकता है। यह कदम न केवल डेटा सुरक्षा को बढ़ावा देगा, बल्कि डिजिटल युग में एक जिम्मेदार और सुरक्षित ऑनलाइन वातावरण बनाने में भी मदद करेगा।


A S

S Singh is the founder and chief editor of Samachar Samiksha, a trusted platform delivering the latest news and trending stories with accuracy, clarity, and an engaging style. With a passion for credible journalism and a knack for simplifying complex topics, Subodh ensures every article resonates with readers while maintaining factual integrity. Through Samachar Samiksha, he strives to keep audiences informed, inspired, and connected to what matters most.
For Feedback - @samacharsamiksha.com

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

Leave a comment

Exit mobile version