Manmohan Singh :- शिक्षा से सफलता तक का सफर और उनकी 5 ऐतिहासिक उपलब्धियां।
Manmohan Singh :- शिक्षा से सफलता तक का सफर और उनकी 5 ऐतिहासिक उपलब्धियां।

मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को वर्तमान पाकिस्तान के एक छोटे से गांव में हुआ था। उस गांव में न तो बिजली थी, न स्कूल और न ही अस्पताल। छोटी उम्र से ही शिक्षा के प्रति उनकी लगन ने उन्हें कठिन परिस्थितियों में भी पढ़ाई जारी रखने के लिए प्रेरित किया। केरोसिन लैंप की रोशनी में पढ़ाई करते-करते उन्होंने अपनी आंखें कमजोर कर लीं, लेकिन कभी हार नहीं मानी।
Manmohan Singh ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से पीएचडी पूरी की और अपने करियर में प्रोफेसर, रिजर्व बैंक गवर्नर, केंद्रीय मंत्री और अंततः भारत के प्रधानमंत्री का पद संभाला। सीमित संसाधनों के बावजूद, उनकी मेहनत और शिक्षा में उत्कृष्टता ने उन्हें स्कॉलरशिप और कई प्रतिष्ठित पुरस्कार दिलाए। मनमोहन सिंह के नेतृत्व में भारत ने कई ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल कीं। आइए उनके पांच सबसे बड़े योगदानों पर नजर डालते हैंजिस के लिए देशवासियों हमेशा की उनके ऋणी रहेंगे।
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1. 1991 का आर्थिक सुधार
1990 के दशक की शुरुआत में भारत की अर्थव्यवस्था गंभीर संकट में थी। उस समय प्रधानमंत्री नरसिंह राव ने Manmohan Singh को वित्त मंत्री नियुक्त किया। Manmohan Singh ने आर्थिक सुधारों की शुरुआत की, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा मिली। उन्होंने निजीकरण, विदेशी निवेश और उदारीकरण को बढ़ावा दिया। हालांकि इन सुधारों की आलोचना भी हुई, लेकिन उनका असर सकारात्मक रहा।
2. सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI), 2005
Manmohan Singh के नेतृत्व में आरटीआई अधिनियम पारित हुआ, जिसने जनता को सरकारी कार्यों में पारदर्शिता का अधिकार दिया। इससे पहले अधिकारी सरकारी दस्तावेजों को गोपनीय बता कर जनता से छिपा लेते थे। इस अधिनियम ने भ्रष्टाचार पर रोक लगाने में मदद की। हालांकि, इस अधिनियम का इस्तेमाल Manmohan Singh की सरकार के घोटालों की जांच के लिए भी किया गया।
3. मनरेगा (2006)
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) ने ग्रामीण भारत में रोजगार की गारंटी दी। यह प्रोग्राम सुनिश्चित करता था कि सरकार हर परिवार को रोजगार उपलब्ध कराए या इसके बदले मुआवजा दे। इस अधिनियम ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाया, हालांकि इस पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे।
4. सिविल न्यूक्लियर डील (2008)
भारत की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए Manmohan Singh ने अमेरिका के साथ सिविल न्यूक्लियर डील की। इस डील के कारण उनकी सरकार पर खतरा मंडराने लगा, लेकिन उन्होंने समझौता पूरा किया और सरकार भी बचाई। यह डील भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए एक मील का पत्थर साबित हुई।
5. खाद्य सुरक्षा अधिनियम (2013)
खाद्य सुरक्षा अधिनियम ने देश के गरीब वर्ग को भोजन की गारंटी दी। इस अधिनियम के तहत सब्सिडी पर अनाज उपलब्ध कराया गया। हालांकि इसकी आलोचना हुई कि यह योजना महंगी है और अनाज की बर्बादी हो रही है, लेकिन यह भारत की सामाजिक जिम्मेदारी का उत्कृष्ट उदाहरण था।