दरअसल, कोविड-19 महामारी के दौरान सरकार द्वारा देशभर में एक जागरूकता अभियान चलाया गया था, जिसमें मोबाइल फोन कॉल करने से पहले एक कॉलर ट्यून सुनाई जाती थी। इस कॉलर ट्यून में अमिताभ बच्चन की आवाज़ में लोगों को मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग रखने और हाथ धोने की सलाह दी जाती थी। उस समय यह संदेश बेहद ज़रूरी और प्रभावी था। लेकिन अब, जब महामारी का संकट काफी हद तक टल चुका है और सामान्य जीवन लौट आया है, तब भी यह कॉलर ट्यून कई मोबाइल नेटवर्क पर बज रही है।
Amitabh Bachchan ने हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान कहा, “जब मैं खुद किसी को कॉल करता हूं और मेरी ही आवाज़ कॉलर ट्यून में सुनाई देती है, तो मुझे अजीब लगता है। कभी-कभी दुख भी होता है कि लोग मेरी आवाज़ सुनकर चिढ़ जाते हैं।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि अब समय आ गया है कि इस कॉलर ट्यून को हटा दिया जाए और वे खुद इसके लिए अपील करेंगे।
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Amitabh Bachchan की इस टिप्पणी के बाद सोशल मीडिया पर भी प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। कई यूजर्स ने लिखा कि वे भी इस कॉलर ट्यून से परेशान हो चुके हैं, और कई बार तो कॉल करने से पहले ही गुस्सा आ जाता है। वहीं, कुछ लोगों ने कहा कि यह कॉलर ट्यून अब अपना उद्देश्य पूरा कर चुकी है और इसे हटाया जाना चाहिए।
एक ट्विटर यूजर ने लिखा, “अब तो अमिताभ जी की आवाज़ सुनते ही फोन काटने का मन करता है।” वहीं, एक अन्य यूजर ने मजाक में लिखा, “सरकार को अब अमिताभ जी को भी रिटायरमेंट दे देना चाहिए – कम से कम कॉलर ट्यून से।”
यह सवाल अब कई लोगों के मन में उठ रहा है कि जब कोविड-19 की स्थिति अब नियंत्रण में है, तो यह कॉलर ट्यून अभी तक क्यों चल रही है? दरअसल, कई मोबाइल नेटवर्क कंपनियों ने अब इसे हटा दिया है, लेकिन कुछ राज्यों और क्षेत्रों में यह अब भी सक्रिय है। माना जा रहा है कि कुछ सरकारी आदेशों और प्रक्रियात्मक देरी के चलते यह बदलाव पूरी तरह लागू नहीं हो पाया है।
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महामारी के दौरान Amitabh Bachchan ने अपनी सार्वजनिक छवि और प्रभाव का भरपूर उपयोग किया। उन्होंने न केवल कॉलर ट्यून के ज़रिए जागरूकता फैलाई, बल्कि सोशल मीडिया, विज्ञापन और वीडियो संदेशों के माध्यम से भी जनता को सतर्क किया। उनके कोविड संदेश ने विशेष रूप से ग्रामीण और अशिक्षित वर्गों में प्रभाव डाला। हालांकि अब खुद अमिताभ जी मानते हैं कि वह कॉलर ट्यून अब अप्रासंगिक हो चुकी है और लोगों को इससे निजात मिलनी चाहिए।
अब देखना यह होगा कि सरकार इस विषय पर क्या प्रतिक्रिया देती है। क्या स्वास्थ्य मंत्रालय या टेलीकॉम विभाग इस पर कोई नया दिशा-निर्देश जारी करेगा? क्या अमिताभ बच्चन की अपील पर गौर किया जाएगा?
कॉलर ट्यून जैसी छोटी सी चीज़ भी जब ज़रूरत से ज्यादा समय तक बनी रहे, तो वह लोगों के लिए परेशानी का कारण बन सकती है — और जब उसकी आवाज़ सदी के महानायक की हो, तो वह परेशानी भी चर्चा का विषय बन जाती है। अमिताभ बच्चन की इस संवेदनशीलता ने एक बार फिर दिखाया कि वे सिर्फ एक अभिनेता नहीं, बल्कि जनता की नब्ज़ पहचानने वाले जिम्मेदार नागरिक भी हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि उनकी यह आवाज़ इस बार सरकार तक कितनी जल्दी और कितनी प्रभावशाली ढंग से पहुंचेगी।
नोट: यह लेख केवल मनोरंजन और मज़ाक के उद्देश्य से तैयार किया गया है। इसमें दी गई जानकारी काल्पनिक है और किसी भी वास्तविक बयान या घटना पर आधारित नहीं है। कृपया इसे गंभीर समाचार की तरह न लें। हमारा उद्देश्य सिर्फ पाठकों को हल्के-फुल्के अंदाज़ में हँसी और मनोरंजन प्रदान करना है।