पिता की याद में बेटे ने बनाया देहरादून का यह शानदार अजूबा

जब कभी भी बात देहरादून की होती है तो सब से पहले घंटाघर की ही तस्वीर मन में आती है।

किसी भी शहर के घंटाघर पर चार घड़ी लगी होती हैं पर देहरादून के इस अनोखे घंटाघर पर छ घड़ियां लगी हुई हैं।

देहरादून के इस घंटाघर का आकार हेक्सागन होने के कारण यह दुनिया का अनोखा घंटाघर है।

देहरादून के घंटाघर को उस समय की प्रसिद्ध आर्ट डेको शैली में बनाया गया था।

देहरादून का घंटाघर आनंद सिंह ने अपने पिता जस्टिस बलबीर सिंह की याद में बनाया था।

देहरादून का घंटाघर 1948 में बनना शुरू हुआ था और इस का शिलान्यास सरोजनी नायडू ने किया था।

1953 में घंटाघर का लोकार्पण लाल बहादुर शास्त्री ने किया था।

उस समय घंटाघर की घड़ियां इंग्लैंड से मंगाई गई थीं।

देहरादून के इस अनोखे घंटाघर को हार्ट ऑफ सिटी कहा जाता है। यहां से मसूरी, आईएसबीटी, प्रेमनगर, रायपुर जैसे सभी प्रमुख स्थान जुड़ते हैं।